Monday, 18 December 2017

HANUMAN CHALISA

                                                              HANUMAN CHALISA










दोहा !!


श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि !
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि !!

भुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौ  पवन कुमार !
बल भुद्धि  विद्या देहु मोहि हरहु कलेस बिकार !!


चोपाई !!

जय हनुमान ज्ञान गुन  सागर !
जय कपीस तिहुं लोक उजागर  !!     

राम दूत अतुलित बलधामा !
 अंजनी पुत्र पवन सूत नामा !!         

महावीर     विक्रम     बजरंगी    !
कुमति निवार सुमति के संगी !!       

कञ्चन बरन बिराज सुबेसा !
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा  !!       

हाथ ब्रज और ध्वजा बिराजे !
काँधे  मूज    जनेऊ      साजै   !!       

सङ्कर  सुवन केसरीनंदन !
तेज प्रताब महा जग बन्दन  !!             

बिद्यावान गुनी अति चातुर!
राम काज करिबे को आतुर !!                 

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया !
राम लखन सीता बन बसिया !!             

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा !
बिकट रूप लङ्क  जरावा !!

भीम रूप धरि असुर सँहारे !
रामचंद्र  के   काज  साँवरे  !!

लाये सञ्जीवन लखन जियाये !
श्रीरघुबीर  हरषि    उर     लाये !!

रघुपति    कीह्नी  बहुत  बड़ाई !
तुम मम प्रिये भरतहि सैम भाई  !!

सहस बदन  तुहारो  जस  गावैं !
अस कही श्रीपति कण्ठ लागावैं !!

सनकादिक ब्रहादि मुनीसा !
नारद सरद सहित अहीसा !!

जम कुबेर   दिगपाल   जहाँ ते !
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते !!

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना !
राम मिलाय राज पद दीह्ना !!

तुहारो     मंत्र  बिभीषन  माना !
लंगकेस्वर भए सब जग जाना !!

जग सहस्त्र जोजन पर भानु !
लील्यो ताहि मधुर फल जानू !!

प्रभु  मुद्रिका  मेलि  मुख  माहीं !
जलधि लाँघि गये अचरच नाहीं !!

दुर्गम काच जगत के जेते !
सुगम अनुग्रह तुहारे तेते !!

राम दुआरे तुम  रखवारे !
होत न आज्ञा बिनु पैसारे !!

सब सुख लाये तुम्हारी सरना  !
तुम रच्छक काहू  को डर  ना  !!

आपन तेज सहारो आपै !
तीनों लोग हॉक तें काँपें !!

भूत पिसाच निकट नहीं आवै !
महाबीर  जब  नाम     सुनावै !!

नासै रोग हरे     सब      पीरा !
जपत निरन्तर हनुमत बीरा !!

सङ्कट  तें  हनुमान      छुड़ावै !
मन क्रम बचन धयान जो लावै !!

सब  पर  राम  तपस्वी    राजा !
तिनके काज सकल तुम साजा !!

और मनोरथ  जो  कोई  लावै !
सोइ अमित जीवन फल पावै !!

चारों  जुग   परताब   तुहारा !
है परसिद्धि जगत उजियारा !!

साधु  संत  के  तुम   रखवारे !
असुर निकन्दन  राम दुलारे !!

अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता !
अस बर दीन जानकी  माता !!

राम रसायन तुम्हारे पासा !
सदा रहो रघुपति के दासा !!

तुम्हरे  भजन  राम  को   पावै !
जनम जनम के दुःख बिसरावै !!

अन्त काल रघुबर पुर जाई !
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाइ !!

और  देवता  चित  न   धरई !
हनुमत सेई सर्ब सुख कराइ !!

सङ्कट कटे मिटै सब पीरा !
जो सुमिरे हनुमत बलबीरा !!

जय जय जय हनुमान गोसाई !
कृपया  करहु गुरुदेव की  नाई !!

जो सात बार पाठ कर कोई !
छूटहि बन्दी  महा सुख होई !!

जो ये पढ़ें हनुमान चालीसा !
होय सिद्धि  साखी गौरीसा !!

तुलसीदास सदा हरि चेरा !
कीजे नाथ ह्रदय महँ डेरा !!


दोहा

पवनतनय सङ्कट हरण मंङ्गल  मूरति रूप !
राम लखन सीता सहित  ह्रदय बसहु सुर भूप !!





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