HANUMAN CHALISA
दोहा !!
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि !
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि !!
भुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौ पवन कुमार !
बल भुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेस बिकार !!
चोपाई !!
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर !
जय कपीस तिहुं लोक उजागर !!
राम दूत अतुलित बलधामा !
अंजनी पुत्र पवन सूत नामा !!
महावीर विक्रम बजरंगी !
कुमति निवार सुमति के संगी !!
कञ्चन बरन बिराज सुबेसा !
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा !!
हाथ ब्रज और ध्वजा बिराजे !
काँधे मूज जनेऊ साजै !!
सङ्कर सुवन केसरीनंदन !
तेज प्रताब महा जग बन्दन !!
बिद्यावान गुनी अति चातुर!
राम काज करिबे को आतुर !!
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया !
राम लखन सीता बन बसिया !!
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा !
बिकट रूप लङ्क जरावा !!
भीम रूप धरि असुर सँहारे !
रामचंद्र के काज साँवरे !!
लाये सञ्जीवन लखन जियाये !
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये !!
रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई !
तुम मम प्रिये भरतहि सैम भाई !!
सहस बदन तुहारो जस गावैं !
अस कही श्रीपति कण्ठ लागावैं !!
सनकादिक ब्रहादि मुनीसा !
नारद सरद सहित अहीसा !!
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते !
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते !!
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना !
राम मिलाय राज पद दीह्ना !!
तुहारो मंत्र बिभीषन माना !
लंगकेस्वर भए सब जग जाना !!
जग सहस्त्र जोजन पर भानु !
लील्यो ताहि मधुर फल जानू !!
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं !
जलधि लाँघि गये अचरच नाहीं !!
दुर्गम काच जगत के जेते !
सुगम अनुग्रह तुहारे तेते !!
राम दुआरे तुम रखवारे !
होत न आज्ञा बिनु पैसारे !!
सब सुख लाये तुम्हारी सरना !
तुम रच्छक काहू को डर ना !!
आपन तेज सहारो आपै !
तीनों लोग हॉक तें काँपें !!
भूत पिसाच निकट नहीं आवै !
महाबीर जब नाम सुनावै !!
नासै रोग हरे सब पीरा !
जपत निरन्तर हनुमत बीरा !!
सङ्कट तें हनुमान छुड़ावै !
मन क्रम बचन धयान जो लावै !!
सब पर राम तपस्वी राजा !
तिनके काज सकल तुम साजा !!
और मनोरथ जो कोई लावै !
सोइ अमित जीवन फल पावै !!
चारों जुग परताब तुहारा !
है परसिद्धि जगत उजियारा !!
साधु संत के तुम रखवारे !
असुर निकन्दन राम दुलारे !!
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता !
अस बर दीन जानकी माता !!
राम रसायन तुम्हारे पासा !
सदा रहो रघुपति के दासा !!
तुम्हरे भजन राम को पावै !
जनम जनम के दुःख बिसरावै !!
अन्त काल रघुबर पुर जाई !
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाइ !!
और देवता चित न धरई !
हनुमत सेई सर्ब सुख कराइ !!
सङ्कट कटे मिटै सब पीरा !
जो सुमिरे हनुमत बलबीरा !!
जय जय जय हनुमान गोसाई !
कृपया करहु गुरुदेव की नाई !!
जो सात बार पाठ कर कोई !
छूटहि बन्दी महा सुख होई !!
जो ये पढ़ें हनुमान चालीसा !
होय सिद्धि साखी गौरीसा !!
तुलसीदास सदा हरि चेरा !
कीजे नाथ ह्रदय महँ डेरा !!
दोहा
पवनतनय सङ्कट हरण मंङ्गल मूरति रूप !
राम लखन सीता सहित ह्रदय बसहु सुर भूप !!
दोहा !!
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि !
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि !!
भुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौ पवन कुमार !
बल भुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेस बिकार !!
चोपाई !!
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर !
जय कपीस तिहुं लोक उजागर !!
राम दूत अतुलित बलधामा !
अंजनी पुत्र पवन सूत नामा !!
महावीर विक्रम बजरंगी !
कुमति निवार सुमति के संगी !!
कञ्चन बरन बिराज सुबेसा !
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा !!
हाथ ब्रज और ध्वजा बिराजे !
काँधे मूज जनेऊ साजै !!
सङ्कर सुवन केसरीनंदन !
तेज प्रताब महा जग बन्दन !!
बिद्यावान गुनी अति चातुर!
राम काज करिबे को आतुर !!
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया !
राम लखन सीता बन बसिया !!
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा !
बिकट रूप लङ्क जरावा !!
भीम रूप धरि असुर सँहारे !
रामचंद्र के काज साँवरे !!
लाये सञ्जीवन लखन जियाये !
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये !!
रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई !
तुम मम प्रिये भरतहि सैम भाई !!
सहस बदन तुहारो जस गावैं !
अस कही श्रीपति कण्ठ लागावैं !!
सनकादिक ब्रहादि मुनीसा !
नारद सरद सहित अहीसा !!
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते !
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते !!
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना !
राम मिलाय राज पद दीह्ना !!
तुहारो मंत्र बिभीषन माना !
लंगकेस्वर भए सब जग जाना !!
जग सहस्त्र जोजन पर भानु !
लील्यो ताहि मधुर फल जानू !!
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं !
जलधि लाँघि गये अचरच नाहीं !!
दुर्गम काच जगत के जेते !
सुगम अनुग्रह तुहारे तेते !!
राम दुआरे तुम रखवारे !
होत न आज्ञा बिनु पैसारे !!
सब सुख लाये तुम्हारी सरना !
तुम रच्छक काहू को डर ना !!
आपन तेज सहारो आपै !
तीनों लोग हॉक तें काँपें !!
भूत पिसाच निकट नहीं आवै !
महाबीर जब नाम सुनावै !!
नासै रोग हरे सब पीरा !
जपत निरन्तर हनुमत बीरा !!
सङ्कट तें हनुमान छुड़ावै !
मन क्रम बचन धयान जो लावै !!
सब पर राम तपस्वी राजा !
तिनके काज सकल तुम साजा !!
और मनोरथ जो कोई लावै !
सोइ अमित जीवन फल पावै !!
चारों जुग परताब तुहारा !
है परसिद्धि जगत उजियारा !!
साधु संत के तुम रखवारे !
असुर निकन्दन राम दुलारे !!
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता !
अस बर दीन जानकी माता !!
राम रसायन तुम्हारे पासा !
सदा रहो रघुपति के दासा !!
तुम्हरे भजन राम को पावै !
जनम जनम के दुःख बिसरावै !!
अन्त काल रघुबर पुर जाई !
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाइ !!
और देवता चित न धरई !
हनुमत सेई सर्ब सुख कराइ !!
सङ्कट कटे मिटै सब पीरा !
जो सुमिरे हनुमत बलबीरा !!
जय जय जय हनुमान गोसाई !
कृपया करहु गुरुदेव की नाई !!
जो सात बार पाठ कर कोई !
छूटहि बन्दी महा सुख होई !!
जो ये पढ़ें हनुमान चालीसा !
होय सिद्धि साखी गौरीसा !!
तुलसीदास सदा हरि चेरा !
कीजे नाथ ह्रदय महँ डेरा !!
दोहा
पवनतनय सङ्कट हरण मंङ्गल मूरति रूप !
राम लखन सीता सहित ह्रदय बसहु सुर भूप !!
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